Material Content for उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल

उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल

1 मथुरा

2 इलाहाबाद

3 गाज़ियाबाद

4 वाराणसी

5 सारनाथ

6 जौनपुर7 मेरठ

8 बहराइच

9 सीतापुर

10 फ़ैज़ाबाद

11 मिर्ज़ापुर

12 कुशीनगर

13 गोंडा

14 आगरा

15 लखनऊ

16 हरदोई

17 कौशांबी

18 बुलन्दशहर

19 कानपुर

20 बरेली

• मथुरा

कृष्ण जन्मभूमि · द्वारिकाधीश मन्दिर · विश्राम घाट · केशी घाट · बांके बिहारी मन्दिर · गोविन्द देव मन्दिर · मदन मोहन मन्दिर · रंगनाथ जी मन्दिर · इस्कॉन मन्दिर · कुसुम सरोवर · मानसी गंगा · राधाकुण्ड · संकेत · हरिदेव जी मन्दिर · दानघाटी · ब्रह्माण्ड घाट · दाऊजी का मन्दिर · प्रेम मन्दिर.

• इलाहाबाद

देखने लायक स्थल :- संगम · गुरावली घाट · अल्फ़्रेड पार्क · इलाहाबाद क़िला · कड़ा · अशोक स्‍तम्‍भ · स्वराज भवन · आनंद भवन · गढ़वा · हनुमान मंदिर · इलाहाबाद संग्रहालय.

भारत के उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक नगर, इलाहाबाद जिला का प्रशासनिक मुख्यालय तथा हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थान है। इसका प्राचीन नाम 'प्रयाग' है। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है, अतः ये त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है। यहाँ हर छह वर्षों में अर्द्धकुम्भ और हर बारह वर्षों पर कुम्भ मेले का आयोजन होता है जिसमें विश्व के विभिन्न कोनों से करोड़ों श्रद्धालु पतितपावनी गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। अतः इस नगर को संगमनगरी, कुंभनगरी, तंबूनगरी आदि नामों से भी जाना जाता है। सन् 1500 की शताब्दी में मुस्लिम राजा द्वारा इस शहर का नाम प्रयागराज से बदलकर इलाहाबाद किया था जिसे सन् अक्टूबर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वापस बदलकर प्रयागराज कर दिया।[2] हिन्दू मान्यता अनुसार, यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के 'प्र' और 'याग' अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहाँ भगवान श्री ब्रम्हा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ सम्पन्न किया था। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे यहाँ वेणीमाधव रूप में विराजमान हैं। भगवान के यहाँ बारह स्वरूप विद्यमान हैं जिन्हें 'द्वादश माधव' कहा जाता है। सबसे बड़े हिन्दू सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, शेष तीन हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक हैं। प्रयागराज (इलाहाबाद) में कई महत्त्वपूर्ण राज्य सरकार के कार्यालय स्थित हैं, जैसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रधान (एजी ऑफ़िस), उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी), राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय। भारत सरकार द्वारा प्रयागराज को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना के लिये मिशन शहर के रूप में चुना गया है। जवाहरलाल शहरी नवीयन मिशन पर मिशन शहरों की सूची व ब्यौरे और यहां पर उपस्थित आनन्द भवन एक दर्शनीय स्थलों में से एक है।

• गाज़ियाबाद

गणमुक्तिश्वर महादेव का मंदिर · गंगा मंदिर · मीराबाई की रेती · ब्रज घाट · झारखंडेश्वर महादेव · कल्याणेश्वर महादेव का मंदिर.

ग़ाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत का एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र है और दिल्ली के पूर्व और मेरठ के दक्षिणपश्चिम में स्थित है। ग़ाज़ियाबाद में ग़ाज़ियाबाद जिले का मुख्यालय स्थित है। स्वतंत्रता से पहले ग़ाज़ियाबाद जिला, मेरठ जिले का भाग था पर स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् राजनैतिक कारणों से इसे एक पृथक जिला बनाया गया। ग़ाज़ियाबाद का नाम इसके संस्थापक ग़ाज़ीउद्दीन के नाम पर पड़ा है, जिसने इसका नाम अपने नाम पर ग़ाज़ीउद्दीननगर रखा था, लेकिन बाद में, इसका नाम छोटा करके ग़ाज़ियाबाद कर दिया गया।

• वाराणसी

विश्वनाथ मन्दिर · भारत माता मन्दिर · दूध का कर्ज़ मंदिर · अन्‍नपूर्णा मंदिर · साक्षी गणेश मंदिर · काशी विशालाक्षी मंदिर · केदारेश्‍वर मंदिर · विष्‍णु चरणपादुका · भैरव मंदिर · सीता मंदिर · मारकण्डेय महादेव मंदिर · विंध्‍याचल मंदिर · काशी हिन्दू विश्वविद्यालय · भारत कला भवन वाराणसी · धूतपाप.

वाराणसी कई हज़ार वर्षों से उत्तर भारत का एक सांस्कृतिक केंद्र रहा है, और गंगा के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। हिंदुओं का मानना है कि यहाँ मरना और "पवित्र" गंगा नदी के किनारे दाह संस्कार करना एक व्यक्ति को पुनर्जन्म के चक्र को तोड़ने और मोक्ष प्राप्त करने की अनुमति देता है, [14] जो इसे तीर्थ यात्रा का प्रमुख केंद्र बनाता है। यह शहर अपने कई घाटों के लिए जाना जाता है, नदी के किनारे पत्थर के स्लैबों में बने तटबंध जहां तीर्थयात्री अनुष्ठान करते हैं। विशेष रूप से दशाश्वमेध घाट, पंचगंगा घाट, मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट, अंतिम दो हैं जहां हिंदू अपने मृतकों का अंतिम संस्कार करते हैं। वाराणसी में हिंदू वंशावली रजिस्टर यहां रखे गए हैं।

• सारनाथ

सारनाथ संग्रहालय · अशोक स्तम्भ धर्मराजिका स्तूप · मूलगंध कुटी विहार · चौखंडी स्तूप · डीयर पार्क · धमेख स्तूप.

सारनाथ में अशोक का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार इत्यादि दर्शनीय हैं। भारत का राष्ट्रीय चिह्न यहीं के अशोक स्तंभ के मुकुट की द्विविमीय अनुकृति है। मुहम्मद गोरी ने सारनाथ के पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया था। सन १९०५ में पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई का काम प्रारम्भ किया। उसी समय बौद्ध धर्म के अनुयायों और इतिहास के विद्वानों का ध्यान इधर गया। वर्तमान में सारनाथ एक तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल के रूप में लगातार वृद्धि की ओर अग्रसर है।

• जौनपुर

अटाला मस्जिद · जामी मस्जिद · झंझीरी मस्जिद · लाल दरवाज़ा मस्जिदजौनपुर एक ऐतिहासिक शहर है। मध्यकालीन भारत में शर्की शासकों की राजधानी रहा जौनपुर वाराणसी से 58 किलोमीटर और प्रयागराज से 100 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में गोमती नदी के तट पर बसा है। मध्यकालीन भारत में जौनपुर सल्तनत (1394 और 1479 के बीच) उत्तरी भारत का एक स्वतंत्र राज्य था। वर्तमान राज्य उत्तर प्रदेश जौनपुर सल्तनत के अंतर्गत आता था, जिसपर शर्की शासक जौनपुर से शासन करते थे, जौनपुर का पुराना नाम देवनगरी था (इसका उल्लेख शिवपुराण में भी है) शर्की शासकों ने इसपर कब्जा करके इसका नाम देवनगरी से जौनपुर में परिवर्तित कर दिया। अवधी यहाँ की मुख्य भाषा है.

• मेरठ

देखने लायक स्थल :- पांडव क़िला (लाक्षागृह) · शहीद स्मारक · राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय · शाहपीर मक़बरा · सेन्ट जॉन चर्च · नंगली तीर्थ · सूरज कुंड · जामा मस्जिद · आबू मक़बरा · विक्टोरिया पार्क · कालीपलटन मंदिर · पंजाब रेजिमेन्ट गुरुद्वारा · कम्पनी बाग़ · माल रोड़ · शहीद स्मारक माल रोड़ · बीस शिलालेख · जैन श्वेतांबर मंदिर · हस्तिनापुर तीर्थ · रोमन कैथोलिक चर्च · द्रौपदी की रसोई · हस्तिनापुर अभ्यारण्य · सरधना · बेगम का महल · रेसकोर्स.

मेरठ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है। यहाँ नगर निगम कार्यरत है। यह प्राचीन नगर दिल्ली से ७२ कि॰मी॰ (४४ मील) उत्तर पूर्व में स्थित है। मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (ऍन.सी.आर) का हिस्सा है। यहाँ भारतीय सेना की एक छावनी भी है। यह उत्तर प्रदेश के सबसे तेजी से विकसित और शिक्षित होते जिलों में से एक है। मेरठ जिले में 12 ब्लॉक,34 जिला पंचायत सदस्य,80 नगर निगम पार्षद है। मेरठ जिले में 4 लोक सभा क्षेत्र सम्मिलित हैं, सरधना विधानसभा, मुजफ्फरनगर लोकसभा में हस्तिनापुर विधानसभा, बिजनौर लोकसभा में,सिवाल खास बागपत लोकसभा क्षेत्र में और मेरठ कैंट,मेरठ दक्षिण,मेरठ शहर,किठौर मेरठ लोकसभा क्षेत्र में है।

• बहराइच

देखने लायक स्थल :- चित्तूर झील · जंगलीनाथ मंदिर · सीता दोहर झील · कैलाशपुरी बांध · कतरनी अभयारण्य.

बहराइच (Bahraich) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है। बहराइच पूर्व-मध्य उत्तर प्रदेश और नेपाल के नेपालगंज और लखनऊ के बीच रेलमार्ग पर स्थित है। तहसील और 14 विकास खंड (ब्लाॅक) हैं। जनपद ने स्वतंत्रता आंदोलनोंं में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वाह किया है। महाराजा सुहेलदेव की गौरवगाथा इसी मिट्टी पर घटित हुई।

• सीतापुर

देखने लायक स्थल :- नैमिषारण्य · हरगांव · ललिता देवी मंदिर · बिसवाँ · बाड़ी.

सीतापुर की जनसंख्या 2011 में 177000 थि सीतापुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में एक शहर और सीतापुर जिले में एक नगरपालिका बोर्ड है। [१] यह लखनऊ मंडल में है। यह शहर लखनऊ और शाहजहाँपुर के बीच में सरयू नदी के तट पर स्थित है, और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 द्वारा राज्य की राजधानी लखनऊ से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। ब्रिटिश भारत में, इसे सीतापुर के रूप में लिखा गया था और यह एक छावनी थी, जो एक हिस्से से जुड़ी थी। एक ब्रिटिश रेजिमेंट की। नाम के लिए पारंपरिक मूल भगवान राम की पत्नी सीता से राजा विक्रमादित्य द्वारा कहा गया है

• अयोध्या

देखने लायक स्थल :- कलकत्ता क़िला, नागेश्‍वर मंदिर, राम जन्मभूमि, सीता की रसोई, अयोध्या तीर्थ, गुरुद्वारा ब्रह्मकुण्ड और गुप्तार घाट , गुलाब बाड़ी ,तथा बहुबेगम का मकबरा , यहां के प्रमुख एवं प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से हैं। छावनी छेत्र से लगा हुआ गुप्तार घाट में अवस्थित श्री अनादि पंचमुखी महादेव मन्दिर नगरवासियों की आस्था का केन्द्र हैI

फैजाबाद भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले का एक प्रमुख शहर है, जो अयोध्या शहर के साथ मिला हुआ एक नगर निगम है। भगवान राम, राममनोहर लोहिया, कुंवर नारायण, राम प्रकाश द्विवेदी आदि की यह जन्मभूमि है। इस शहर को अवध के नवाब द्वारा बसाया गया था। यह 6 नवंबर 2018 तक फैजाबाद जिला और फैजाबाद मंडल का मुख्यालय था, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने अयोध्या के रूप में फैजाबाद जिले का नाम बदलने और जिले के प्रशासनिक मुख्यालय को अयोध्या शहर में स्थानांतरित करने की मंजूरी दी थी। फैजाबाद राज्य की राजधानी लखनऊ से लगभग 130 किलोमीटर पूर्व में सरयू नदी के तट पर स्थित है। यह अवध के नवाबों की पहली राजधानी थी और इसमें नवाबों द्वारा निर्मित स्मारक हैं, जैसे बहू बेगम, गुलाब बारी का मकबरा।

• मिर्ज़ापुर

देखने लायक स्थल :- टांडा जलप्रपात · लहोरियादह. तारकेश्‍वर महादेव. महा त्रिकोण. शिवपुर. सीता कुंड. चुनार किला. गुरूद्वारा बाग. पुण्यजल नदी. टंडा जलप्रपात. कांतित शरीफ. गुरूद्वारा गुरू दा बाघ. रामेश्‍वर महादेव मंदिर.

भारत का अंतराष्ट्रीय मानक समय मिरजापुर जिले के अमरावती चौराहा के स्थान से लिया गया है मिरजापुर "लालस्टोन" के लिये बहुत विख्यात है प्राचीन समय में इस स्टोन का मौर्य वंश के राजा सम्राट् अशोक के द्वारा बौद्ध स्तुप को एवं अशोक स्तम्भ(वर्तमान में भारत का राष्ट्रीय चिन्ह ) को बनाने में किया था मिरजापुर के लोगों की भाषा हिन्दी एवं भोजपुरी है जबकि गांवों में दक्षिणी अवधी बोली जाती है। मिरजापुर में एक भी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है।

• कुशीनगर

देखने लायक स्थल :- निर्वाण स्तूप · परिनिर्वाण मन्दिर. महानिर्वाण मंदिर. माथाकुंवर मंदिर .रामाभर स्तूप. आधुनिक स्तूप. बौद्ध संग्रहालय.

यहाँ कई देशोंं के अनेक सुन्दर बौद्ध मन्दिर हैं। इस कारण से यह एक अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल भी है जहाँ विश्व भर के बौद्ध तीर्थयात्री भ्रमण के लिये आते हैं। यहाँ बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बुद्ध इण्टरमडिएट कालेज, प्रबुद्ध सोसाइटी,भिक्षु संघ, प्रबुद्ध एक्युप्रेशर सेन्टर, चन्दमणि निःशुल्क पाठशाला, महर्षि अरविन्द विद्या मंदिर तथा कई छोटे-छोटे विद्यालय भी हैं। कुशीनगर के आस-पास का क्षेत्र मुख्यतः कृषि-प्रधान है। जन-सामन्य की बोली भोजपुरी है। यहाँ गेहूँ, धान, गन्ना आदि मुख्य फसलें पैदा होतीं हैं।

• गोंडा

देखने लायक स्थल :- जमदग्निकुण्ड · दुखहरन नाथ मन्दिर · पृथ्वीनाथ मन्दिर.

यह भारत के प्रान्त उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख जिला गोंडा जिले का मुख्यालय है जो पूर्व में बस्ती, पश्चिम में बहराइच, उत्तर में बलरामपुर तथा दक्षिण में बाराबंकी और फैजाबाद से घिरा हुआ है। यहाँ की जिला जेल में काकोरी काण्ड के एक प्रमुख क्रान्तिकारी राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी को निर्धारित तिथि से दो दिन पूर्व १७ दिसम्बर १९२७ को बेरहम ब्रिटिश सरकार द्वारा फाँसी दी गयी थी।

• आगरा

देखने लायक स्थल :- ताजमहल · फ़तेहपुर सीकरी · लाल क़िला · जोधाबाई का महल · सिकंदरा · जामा मस्जिद · एतमादुद्दौला का मक़बरा · चीनी का रोज़ा · मेहताब बाग़ · दयाल बाग़, आगरा.

आगरा भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के तट पर स्थित एक नगर है। यह राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के २०६ किलोमीटर (१२८ मील) दक्षिण में स्थित है। भारत की 2011  की जनगणना के अनुसार 15 85 804 ( पंद्रह लाख पंचासी हजार आठसो चार ) की जनसंख्या के साथ आगरा उत्तर प्रदेश का चौथा और भारत का 23 वां सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है।

• लखनऊ

देखने लायक स्थल :- घंटाघर · चारबाग़ रेलवे स्टेशन · छोटा इमामबाड़ा · जामा मस्जिद · पिक्चर गैलरी लखनऊ · बड़ा इमामबाड़ा · बनारसी बाग़ · मोती महल · रूमी दरवाज़ा · रेसीडेंसी संग्रहालय · कालका बिन्दादीन ड्योढ़ी · प्रांतीय हाइजीन इंस्टीट्यूट · लाल बारादरी ‎· बटलर पैलेस · लाल पुल · छतर मंज़िल · अकबरी दरवाज़ा · शेर दरवाज़ा.

लखनऊ शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है।

लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को "नवाबों के शहर" के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं।

• हरदोई

देखने लायक स्थल :- हरदोई पर्यटन · साण्डी पक्षी अभयारण्य · श्रवण देवी मंदिर · सर्वोदय आश्रम टडियांवा · विक्टोरिया भवन · सकहा शंकर मंदिर · गाँधी भवन· हत्याहारण तीर्थ.

हरदोई जिले की पूर्वी सीमा गोमती नदी बनाती है। उत्तर-पश्चिम में शाहजहाँपुर से रामगंगा मे मिलने वाली एक छोटी नदी अलग करती है इसके बाद रामगंगा इसकी दक्षिणी सीमा बनाते हुए संग्रामपुर के पास गंगा मे मिल जाती है और इस प्रकार गंगा इसकी पश्चिमी सीमा बनाती है इसके उत्तर में खीरी लखीमपुर है,दक्षिण में लखनऊ व उन्नाव जिले हैं। वस्तुतः गंगा तथा गोमती के बीच एक लगभग सम्भुजाकार आकृति बनती है उत्तर -पश्चिम से दक्षिण -पूर्व की अधिकतम दूरी लगभग १२५ किमी और औसत चौड़ाई लगभग ७४ किमी है। हरदोई की एक भौगोलिक विशेषता है इसका विशाल ऊसर जो जिले के मध्य से रेलवे लाइन के दोनो ओर सण्डीला से शहाबाद तक फ़ैला है हरदोई पूर्णतया समतल है सबसे ऊँचा स्थान गोमती नदी के पासपिहानी है जिसकी समुद्र तल से ऊँचाई 149.35 मीटर (४९० फ़ीट) है।

• कौशांबी

देखने लायक स्थल :- शीतला माता मन्दिर. प्रभाषगिरी. दुर्गा देवी मंदिर. श्री राम मंदिर.

कौशांबी भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। 4 अप्रैल 1997 को इलाहाबाद से अलग होकर अलग जिला बना।मंझनपुर इसका मुख्यालय है। बौद्ध भूमि के रूप में प्रसिद्ध कौशांबी उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। कौशांबी, बुद्ध काल की परम प्रसिद्ध नगरी, जो वत्स देश की राजधानी थी। इसका अभिज्ञान, तहसील मंझनपुर ज़िला इलाहाबाद में प्रयाग से 24 मील पर स्थित कोसम नाम के ग्राम से किया गया है। इस जिले में स्थितभरवारी सबसे घनी आबादी वाला छोटा सा शहर है जो कि खरीदारी के लिए मशहूर है। सबसे नजदीक वाला रेलवे स्टेशन भरवारी ही है जहां पर महाबोधि जैसी सुपरफास्ट ट्रेन का स्टॉपेज है;इसके अलावा सिराथू,खागा भी है। सैनी,खागा बस स्टॉप भी है जो कि कौशांबी को बुद्ध सर्किट से जोड़ता है ।ऐतिहासिक दृष्टि से भी कौशांबी काफी महत्वपूर्ण है। यहाँ स्थित प्रमुख पर्यटन स्थलों में *शीतला माता मंदिर है (जो शीतला धाम कड़ा में स्थित है; जो 51 शक्ति पीठों में शामिल है,यहां नित्य प्रति दिन भक्तो की भारी भीड़ दर्शनों एवं मंदिर के तट पर स्थित मां गंगा में स्नान के लिए दूर दराज से आते हैं),भैरव नाथ मंदिर,ऐतिहासिक राजा जय चंद का किला,संत मलूक दास का निवास स्थान,ख्वाजा कड़क शाह की मजार*, दुर्गा देवी मंदिर, प्रभाषगिरी और राम मंदिर,बौद्ध जैन मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इलाहाबाद के दक्षिण-पश्चिम से 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कौशांबी को पहले कौशाम के नाम से जाना जाता था। यह बौद्ध व जैनों का पुराना केंद्र है। पहले यह जगह वत्स महाजनपद के राजा उदयन की राजधानी थी। माना जाता है कि बुद्ध छठें व नौवें वर्ष यहाँ घूमने के लिए आए थे। जिले का मुख्यालय मंझनपुर में है। 3 तहसीलें है - सिराथू,मंझनपुर और चायाल। पुराणों के अनुसार हस्तिनापुर नरेश निचक्षु ने, जो राजा परीक्षित के वंशज (युधिष्ठिर से सातवीं पीढ़ी में) थे, हस्तिनापुर के गंगा द्वारा बहा दिए जाने पर अपनी राजधानी वत्स देश की कौशांबी नगरी में बनाई थी—अधिसीमकृष्णपुत्रो निचक्षुर्भविता नृपः यो गंगयाऽपह्नते हस्तिनापुरे कौशंव्यां निवत्स्यति। इसी वंश की 26वीं पीढ़ी में बुद्ध के समय में कौशांबी के राजा उदयन थे। गौतम बुद्ध के समय में कौशांबी अपने ऐश्वर्य के मध्याह्नाकाल में थी। जातक कथाओं तथा बौद्ध साहित्य में कौशांबी का वर्णन अनेक बार आया है। कालिदास, भास और क्षेमेन्द्र कौशांबी नरेश उदयन से संबंधित अनेक लोककथाओं की पूरी तरह से जानकारी थी।

• बुलन्दशहर

देखने लायक स्थल :- बेलोन मंदिर · कर्णवास · अहर · सिकंदराबाद वगेरे

बुलन्दशहर (Bulandshahr) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बुलन्दशहर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है.

बुलन्दशहर का प्राचीन नाम बरन था। इसका इतिहास लगभग 1200 वर्ष पुराना है। इसकी स्थापना अहिबरन नाम के राजा ने की थी। बुलन्दशहर पर उन्होंने बरन टॉवर की नींव रखी थी। राजा अहिबरन ने एक सुरक्षित किले का भी निर्माण कराया था जिसे ऊपर कोट कहा जाता रहा है इस किले के चारों ji ओर सुरक्षा के लिए नहर का निर्माण भी था जिसमें इस ऊपर कोट के पास ही बहती हुई काली नदी के जल से इसे भरा जाता था। ब्रिटिश काल में यहाँ राजा अहिबरन के वंशज राजा अनूपराय ने भी यहाँ शासन किया जिन्होंने अनूपशहर नामक शहर बसाया उनकी शिकारगाह आज शिकारपुर नगर के रूप में प्रसिद्ध है। मुगल काल के अंत और ब्रिटिश काल के उद्भव समय में जनपद में ही मालागढ़ रियासत, छतारी रियासत व दानपुर रियासत की भी स्थापना हो चुकी थी जिनके अवशेष आज भी जनपद में विद्यमान है। दानपुर रियासत का नबाब जलील खान था और छतारी रियासत ब्रिटिश परस्त रही।

• कानपुर

देखने लायक स्थल :- राधा कृष्ण मंदिर · कानपुर संग्रहालय · फूल बाग़. जाजमऊ. श्री राधाकृष्ण मंदिर. जैन ग्लास मंदिर. कमला रिट्रीट. फूल बाग. एलेन फोरस्ट ज़ू. कानपुर मैमोरियल चर्च.

कानपुर (IAST:Kānapura , kānpur) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर नगर ज़िले में स्थित एक औद्योगिक महानगर है। यह नगर गंगा नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 80 किलोमीटर पश्चिम स्थित यहाँ नगर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं के लिए चर्चित ब्रह्मावर्त (बिठूर) के उत्तर मध्य में स्थित ध्रुवटीला त्याग और तपस्या का सन्देश देता है

• बरेली

देखने लायक स्थल :- लक्ष्मीनारायण मंदिर, बरेली शरीफ दरगाह, बरेली स्काईलाइन, बरेली जंक्शन के पास एक धर्मशाला, झुमका चौक, वगेरे.

बरेली शहर को नाथ नगरी के नाम से भी जाना जाता है (बरेली क्षेत्र में स्थित सात शिव मंदिरों के लिए - धोपेश्वर नाथ, मढ़ी नाथ, अलख नाथ, तपेश्वर नाथ, बनखंडी नाथ, पशुपति नाथ और त्रिपति नाथ) और ऐतिहासिक रूप से संजयश्री के रूप में। (जहां बुद्ध, तुशिता से पृथ्वी पर आए थे)।

View More Material

Share