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उत्तर प्रदेश के वन संसाधन

 

1. वर्ष 1998 में राष्ट्रीय वन नीति लागू होने के साथ ही 1998 में उत्तर प्रदेश वन नीति लागू हुई।

2. उत्तर प्रदेश वन निगम की स्थापना 25 नवंबर 1974 को की गयी थी।

3. उत्तर प्रदेश में अधिकतम वनावरण वाला जिला सोनभद्र (2539 km2) (37.77%) है।

4. उत्तर प्रदेश का न्यूनतम वनावरण वाला जिला संतरविदास नगर (3 km2) (0.30%) है।

5. अधिकतम वन क्षेत्र प्रतिशत वाले जिले (घटते क्रम में) – सोनभद्र (37.77%), चंदौली (22.24%), पीलीभीत (18.67%)

6. न्यूनतम वन क्षेत्र प्रतिशत वाले जिले (बढ़ते क्रम में) – संत रविदास नगर (0.03%), मैनपुरी (0.51%), देवरिया (0.59%)

7. अधिकतम वन क्षेत्रफल वाले जिले (घटते क्रम में) – सोनभद्र (2539 km2), खीरी (1274 km2), मिर्जापुर (805 km2)

8. न्यूनतम वन क्षेत्रफल वाले जिले (बढ़ते क्रम में) – संत रविदास नगर (3 km2), मऊ (11 km2), संत कबीर नगर (14 km2)

9. विरोजा और तारपीन के तेल की प्राप्ति चीड़ वृक्ष के राल से होता है।

10. कत्था की प्राप्ति खैर वृक्ष से होती है।

11. बीड़ी बनाने हेतु तेन्दु वृक्ष के पत्तों का उपयोग किया जाता है।

12. रेलवे लाइन के स्लीपरों और इमारती लकड़ी के रूप में साल, चीड़, देवदार एवं सागौन वृक्षों का उपयोग किया जाता है।

13. उत्तर प्रदेश में सामजिक वानिकी योजना वर्ष 1976 में प्रारम्भ की गयी थी।

14. उत्तर प्रदेश में वनो को 1935 में राजकीय संपत्ति घोषित किया गया।

15. उत्तर प्रदेश में वन महोत्सव का आरम्भ जुलाई 1952 से हुआ।

16. 2007-08 से ऑपरेशन ग्रीन का सञ्चालन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।

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